मनमोहन की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1953 | मथुरा, उत्तर प्रदेश
सुपरिचित कवि-लेखक। वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए उल्लेखनीय। 'ज़िल्लत की रोटी' शीर्षक से एकमात्र कविता-संग्रह प्रकाशित।
सुपरिचित कवि-लेखक। वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए उल्लेखनीय। 'ज़िल्लत की रोटी' शीर्षक से एकमात्र कविता-संग्रह प्रकाशित।