ममता सिंह के लेख
माँ-बाप को पेरेंटिंग-ट्रेनिंग की ज़रूरत हैं
अगर आपको लगता है कि पाँच छः साल के छोटे बच्चे प्राइवेट पार्ट्स के बारे में कुछ नहीं जानते न वह इस बारे में किसी अपने हम उम्र से बात करते हैं तो आप एकदम ग़लत हैं। बच्चे बहुत क्यूरियस होते हैं और इतने समझदार भी कि माँ बाप को क्या और कितनी बात बतानी है... वह
नए शहर को शाम में नहीं सुबह में देखना चाहिए
किसी नए शहर को पहली बार शाम को नहीं सुबह में देखना चाहिए क्योंकि शहरों के कई पाठ, कई रूप होते हैं... आप किसी सड़क से एकदम भोर में गुज़रिए फिर उसी सड़क पर देर शाम को जाइए आपको उसमें ज़मीन आसमान का अंतर दिखेगा... कि अलस्सुबह शहर बिल्कुल अजनबी नहीं लगते,
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere