noImage

घनानंद

1673 - 1760 | दिल्ली

रीतिकालीन काव्य-धारा के महत्त्वपूर्ण कवि। रीतिमुक्त कवियों में से एक। आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा ‘साक्षात् रसमूर्ति’ की उपमा से विभूषित।

रीतिकालीन काव्य-धारा के महत्त्वपूर्ण कवि। रीतिमुक्त कवियों में से एक। आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा ‘साक्षात् रसमूर्ति’ की उपमा से विभूषित।

घनानंद के कवित्त

20
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

Recitation