बच्चन का पत्र रामनिरंजन परिमलेंदु के नाम

bachchan ka patr ramaniranjan parimlendu ke nam

हरिवंशराय बच्चन

हरिवंशराय बच्चन

बच्चन का पत्र रामनिरंजन परिमलेंदु के नाम

हरिवंशराय बच्चन

डॉ० हरिवंश राय बच्चन,

एम. ए., पीएच. डी. (कैंटव)

विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली।

28-08-57

प्रियवर,

पत्र के लिए धन्यवाद।

मैं वाद नहीं देखता, कवित्व देखता हूँ।

'तार सप्तक' वह बच्चा है जो अपनी माँ के पेट से मरा हुआ पैदा हुआ था। अज्ञेय जी अपने जीवन भर उसमें साँसें डालने के लिए उस पर उचके लगाते रहे हैं। उसकी कोई देन नहीं, और है भी तो कोई ऐसी नहीं जो और तरफ़ से भी नहीं आई। अज्ञेय जी ने साहित्यकारों के दल में नेता बनने के लिए उसे झंडे की तरह उपयोग किया है।

गद्य की ओर नहीं जा पाया, क्योंकि कविता ने जाने नहीं दिया। 'निशा निमंत्रण' के गीत लगभग एक वर्ष में लिखे गए, पर जितने लिखे गए उनमें से सब प्रकाशित नहीं किए गए।

'मधुशाला' और 'निशा निमंत्रण' का अंतर मेरे जीवन का अंतर है। जीवन दो दिन भी एक तरह का नहीं रहता।

‘जब देश जल रहा था, उस वक़्त क्या 'निशा निमंत्रण' उचित था?’ इसके जवाब में मुझे यह कहना है कि कविता लिखते समय मैं इस बात का विचार नहीं करता कि यह लिखना उचित है कि नहीं। मैं केवल देखता हूँ मैं जो लिख रहा हूँ वह बलपूर्वक उतर रहा है कि नहीं। जो मेरे दिल को फाड़ कर निकल रहा है यदि वह उचित नहीं है तो संसार में कुछ भी उचित नहीं है।

‘जीवन के पहिए के नीचे’ पर आप ने जो उद्गार प्रकट किए हैं, उसके लिए आभारी हूँ। मेरी ख़ामियाँ मुझसे बताइए, मेरी ख़ूबियाँ औरों से कहिए।

जो लिखता हूँ पत्र पत्रिकाओं में भेज देता हूँ। वही देखें। कृपा रखें।

भवदीय

बच्चन

पुनश्चः जो मुझे महाकवि लिखता है, मैं समझता हूँ वह मुझ पर व्यंग्य करता है। मैंने कौन सा पाप किया है कि मुझ पर व्यंग्य किया जाए?

स्रोत :
  • पुस्तक : बच्चन पत्रों के दर्पण में
  • संपादक : रामनिरंजन परिमलेन्दु
  • रचनाकार : डॉ० हरिवंश राय बच्चन
  • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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