तह में

tah mein

बोरीस पस्तेरनाक

मैं तह तक पहुँचना चाहता हूँ

हर चीज़ में

काम में, अपने अन्वेषणों में

हृदय की उथल-पुथल में।

मैं धँसना चाहता हूँ

गुज़रे हुए दिनों के कारण में, तत्व में

जड़ में

तह में।

मैं नियति और घटनाओं के सूत्रों को

पकड़कर

जीना, सोचना, अनुभव करना, प्रेम में जकड़ना

खोज करना चाहता हूँ।

काश थोड़ा भी

मेरे बूते का होता ऐसा कर पाना

मैं बतलाता मनोवेगों के अपने विशेष गुणों को

मात्र आठ पंक्तियों के छंद में।

उसका मनमाना दुराचार,

पलायन और पीछा,

अचानक घटनाओं,

कंधों और हाथों के स्पर्शों के विषय में।

मैं खोज निकालता उसके क़ानूनों को

बुनियादों को

दुहराता उसके अनगिनत नामों के

प्रथमाक्षरों को।

कविता को बिछाता बग़ीचे की तरह

हरेक पत्ते की फड़फड़ाहट पर बज उठते

पीले फूलों वाले पेड़

वहाँ पंक्तिबद्ध उगते।

कविता में शामिल करता मैं

सुगंध पोदीने की, छायाएँ घने पेड़ों की,

नरकट और चरागाह,

बिजली की कौंध।

ज़माना हुए शोपाँ ने इसी तरह

अपने संगीत में

झाड़ियों, पार्कों, श्मशानों

मड़ैयों को शामिल किया था।

जीत का सुख और

जीत की पीड़ा

सधे हुए धनुष की

खिची हुई प्रत्यंचा!

स्रोत :
  • पुस्तक : आधुनिक रूसी कविताएँ-1 (पृष्ठ 56)
  • संपादक : नामवर सिंह
  • रचनाकार : बोरीस पस्तेरनाक
  • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
  • संस्करण : 1978
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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