Font by Mehr Nastaliq Web

हमारा घर

hamara ghar

अज्ञात

अन्य

अन्य

अज्ञात

हमारा घर

अज्ञात

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

हिंदवी

राजीव : जोसफ़! नमस्ते!

जोसफ़ : नमस्ते! तुम यहाँ? क्या यही तुम्हारा घर है? बहुत दिनों बाद मिले हो। बैठक में बैठकर कुछ देर बात करें।

राजीव : हाँ, यह हमारा नया घर है।

जोसफ़ : घर में कौन-कौन है?

राजीव : घर में मेरे पिता जी, माँ और बड़े भैया हैं। अंदर आओ, इधर बैठो सोफ़े पर।

जोसफ़ : यह कमरा बहुत सुंदर है। घर में कितने कमरे हैं।

राजीव : घर में पाँच कमरे हैं। तीन कमरे नीचे हैं, दो कमरे ऊपर। नीचे वाले कमरे बड़े हैं, ऊपर के कमरे छोटे हैं। दाहिनी ओर पिता जी का कमरा है।

जोसफ़ : यह कमरा किसका है?

राजीव : यह बड़े भैया का कमरा है। उसके पास स्नान घर है।

जोसफ़ : वह किसका मकान है?

राजीव : वह मुन्ना शाहिद का मकान है। वह मेरा दोस्त है।

जोसफ़ : और वह बग़ीचा किसका है?

राजीव : मेरा बग़ीचा है। चलो आओ, हम बग़ीचा देखें। क्यारी में कई पौधे हैं। क्यारियों में रंग-बिरंगे फूल लगे हैं। ये गुलाब के फूल हैं और वे गेंदे के। दीवार के पास कई पेड़ लंबे हैं और कुछ पेड़ छोटे। यह आम का पेड़ है और वह नीम का। वह अमरूद का पेड़ है, यह नारियल का। अमरूद का पेड़ छोटा होता है और नारियल का पेड़ लंबा।

जोसफ़ : यह बग़ीचा बहुत अच्छा है।

हिंदवी

स्रोत :
  • पुस्तक : दूर्वा (भाग-1) (पृष्ठ 65)
  • प्रकाशन : एनसीईआरटी
  • संस्करण : 2022

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY