Font by Mehr Nastaliq Web
Pramod Prakhar's Photo'

प्रमोद प्रखर

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

प्रमोद प्रखर के बेला

09 अगस्त 2025

क्या मैं एक आदिवासी नहीं हो सकता!

क्या मैं एक आदिवासी नहीं हो सकता!

...बादल बरस रहे हैं। बारिश मतलब क्या—पकौड़े या परेशानी? निर्भर करता है—आप बैठे कहाँ हैं। मैं गाँव के घर में बैठा हूँ। सबसे बाहर वाले मकान में। फ़िलहाल मेरे लिए ‘बारिश’ का मतलब ‘परेशानी’ है। इस बारिश

14 अक्तूबर 2024

देवदासी प्रथा : धर्म का नशा और दासी स्त्रियों का जीवन

देवदासी प्रथा : धर्म का नशा और दासी स्त्रियों का जीवन

यह सुदूर दक्षिण का उत्तरी इलाक़ा है। प्रकृति इतनी मेहरबान कि आँखों के आगे से पल भर के लिए भी हरियाली नहीं हटती। मुझे देश को समझने की तड़प और भटकन ने यहाँ लाकर पटका है। किताबों में जब पहली बार गाँव के

21 मई 2024

हिंदू कॉलेज में मेरे अंतिम दिन

हिंदू कॉलेज में मेरे अंतिम दिन

समय गुज़रता है...ना जल्दी, ना देर से, बस अपनी ही रफ़्तार से। यह जानते हुए भी लग रहा है कि पिछले तीन साल कितनी जल्दी गुज़र गए। कॉलेज का सफ़र रह-रहकर याद आ रहा है। उम्मीदों से शुरू हुआ सफ़र निराशा के ब

Recitation

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए