नामवर सिंह का आलोचनात्मक लेखन
भारतीय उपन्यास की अंतर्धारा
प्रेमचंद्र हिंदी और उर्दू में लिखते हुए भी सच्चे अर्थों में भारतीय साहित्यकार थे। भारतीय उपन्यास में उनका स्थान, उनका योगदान और उनका महत्त्व इन विषयों पर विचार करने के लिए आवश्यक है कि हम पहले भारतीय उपन्यास के स्वरूप पर विचार करें। और भारतीय उपन्यास
'अँग्रेज़ी ढंग का नॉवेल' और भारतीय उपन्यास
कैसी विडंबना है कि उन्नीसवीं शताब्दी में जब अँग्रेज़ी ‘ओरिएंटलिस्ट' कादंबरी, कथा सरित्सागर, पंचतंत्र जैसी भारतीय कथाओं के पीछे पागल थे, स्वयं भारतीय लेखक 'अँग्रेज़ी ढंग का नॉवेल' लिखने के लिए व्याकुल थे।' ये हैं उपनिवेशवाद के दो चेहरे। निस्संदेह कुछ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere