देवेंद्र सत्यार्थी के रेखाचित्र
दादा-दादी के रेखाचित्र
भले ही यह मेरे मित्र सरदार गुरबख्शसिंह की दादी का रेखाचित्र हो, मुझे तो यूँ लगता है कि मेरी अपनी दादी का रेखाचित्र भी हू-ब-हू इससे मिलता है। शायद कोई पूछ बैठ कि दो भिन्न चित्रों की रेखाओं में यह सादृश्य कैसे स्थापित हो गया। मैं इस प्रश्न का उत्तर देना
गोधूलि
गोधूलि से संबंधित शत-शत चित्र देखने के पश्चात् भी मन यही कहता है—इससे भी अच्छा चित्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए! जिसने नगर में जन्म लिया और वहीं रहा उसे तो गोधूलि का मामूली दृश्य भी भा जाएगा। पर जो स्वयं गाँव में पैदा हुआ और जाने कितने जनपदों के गाँवों
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere