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चंडीदास

1339 - 1399 | पश्चिम बंगाल

चंडीदास की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 1

ऐसा प्रेम कहीं देखा गया सुना गया, प्राणों से प्राण अपने-आप बँधा हुआ है।

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