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ए० सी० प्रभुपाद

1896 - 1977 | कोलकाता, पश्चिम बंगाल

गौड़ीय वैष्णव गुरु और धार्मिक आचार्य। 'इस्कॉन' आंदोलन की स्थापना और वैश्विक प्रचार के लिए उल्लेखनीय।

गौड़ीय वैष्णव गुरु और धार्मिक आचार्य। 'इस्कॉन' आंदोलन की स्थापना और वैश्विक प्रचार के लिए उल्लेखनीय।

ए० सी० प्रभुपाद की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 1

मेरे गुरु महाराज कहा करते थे— 'जो कुछ भी धन हो, उससे पुस्तकें प्रकाशित करो।' ग्रंथ प्रकाशित होते देखकर उन्हें अपार सुख होता था। अतः यह कार्य अच्छी प्रकार से करो। गुरु महाराज कहते थे— 'छापो, और छापो'। मैंने अपनी पुस्तकें छापी हैं, अब तुम भी ऐसा ही करो।

 

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