गंग की संपूर्ण रचनाएँ
दोहा 1
पान पुराना घी नया, अरु कुलवंती नारि।
चौथी पीठि तुरंग की, स्वर्ग निसानी चारि॥
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1538 - 1625 | इटावा, उत्तर प्रदेश
अकबर के नवरत्नों में से एक। भक्ति और नीति-कवि। सरस हृदय की रमणीयता और अन्योक्तियों में वाग्वैदग्ध्य के लिए प्रसिद्ध।
अकबर के नवरत्नों में से एक। भक्ति और नीति-कवि। सरस हृदय की रमणीयता और अन्योक्तियों में वाग्वैदग्ध्य के लिए प्रसिद्ध।