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मारीना त्स्वेतायेवा

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और अधिकमारीना त्स्वेतायेवा

    नोट

    युवा कवि ग्रोंसकी (1909-1934) की मृत्यु पर लिखी गई कविता।

     

    मैं तुम्हें मरने नहीं दूँगी,
    हर्गिज़ नहीं
    इसलिए कि जब तुम युवा थे
    और कमी नहीं थी साहस की
    तुमने मुझे ज़िंदा ही सड़ने नहीं दिया
    बेजान जिस्मों के बीच,
    लाश की तरह गिरने नहीं दिया
    दीवारों के बीच!

    मैं तुम्हें जाने नहीं दूँगी
    विस्मृति के गर्त में
    इसलिए कि निर्मल और निष्कलंक तुम
    हाथ पकड़कर मुझे निकाल लाए थे बाहर,
    बाँहों पर उठा लाए थे अपने घर!

    मैं तुम्हें बूढ़ा नहीं होने दूँगी
    अपने हृदय में
    इसलिए कि पुत्रोचित गौरव के साथ
    स्वागत किया तुमने मेरे बालों के पकने का
    और सामना किया तरह-तरह के भयों का
    शिशु सुलभ उल्लास के साथ!

       
    स्रोत :
    • पुस्तक : इस बेसहारा वक़्त में (पृष्ठ 211)
    • रचनाकार : मारीना त्स्वेतायेवा
    • प्रकाशन : प्रकाशन संस्थान, नई दिल्ली
    • संस्करण : 2013

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